Saturday, March 27, 2010
कोख में आतंकवाद
प्रस्तुतकर्ता Dimple Maheshwari पर 8:53 PM 32 टिप्पणियाँ
Monday, March 8, 2010
Woman's wish on women's day
मै आज उड़ना चाहती हुं..
आसमान को छूना चाहती हुं
में हर गली में घूमना चाहती हुं
बहुत हुआ घर का काम
अब कुछ पल में आराम चाहती हुं
छत पर बेठ कर घंटो
तारों को गिनना चाहती हुं
बन कर पंछी
आज फुदकना चाहती हुं
बहुत हो गयी डांट
हर वक्त किसी का साथ
इस पिंजरे से में
आज छूटना चाहती हुं
हैं आंसू छिपे इन आँखों में
दिल में दर्द हैं हजार
आज में फूटना चाहती हुं
बनकर छोटी सी बच्ची
आज में उछलना चाहती हुं..
कोई निकाल सके वक्त मेरे लिए
तो में आज कुछ कहना चाहती हुं
आज प्यार भरे दो लफ्ज
में सुनना चाहती हुं
अगर सच कहूँ में आज
तो ये सच हैं के
में जीना चाहती हुं में
बस जीना चाहती हुं
पर मौत को नही
जिन्दगी को जीना चाहती हुं..
हाँ में जीना चाहती हुं..!
प्रस्तुतकर्ता Dimple Maheshwari पर 7:24 AM 38 टिप्पणियाँ
Sunday, March 7, 2010
विधवा
वाह पायल जब
बजती थी
मानो कुछ गुनगुनाती थी
वह पायल जब
चलती थी
धड़कने रुक सी जाती थी
पर....
पर अब वाह पायल
कहीं नजर नही आती
पर अब वाह पायल
कभी नही छनछनाती
जाने क्या हो गया हैं
शायद....
शायद कुछ खो गया हैं
शायद कोई सो गया हैं
पहले वो सुहागिन थी
सजाती थी
संवरती थी
पायल भी पहनती थी
हर पल चहकती थी
पर....
पर अज वाह विधवा हैं
रब ने तो छिना हैं
पर दुनिया वालो ने
इसके रीती रिवाजो ने
मुश्किल किया जीना हैं
श्वेत वस्त्र
बिखरे बाल
बिना सजे
बिना संवरे
वह आज भी चलती हैं
पर आज उसके चलने में
कोई गुनगुनाहट नहीं
पर आज उसके चेहरे पर
वो मुस्कराहट नहीं
पर आज चूड़ियों में
वो खनखनाहट नहीं
बस धड़कने हैं
शांत....
नीरव....
????????
प्रस्तुतकर्ता Dimple Maheshwari पर 6:06 AM 12 टिप्पणियाँ
Wednesday, March 3, 2010
होली
वो कैसे खेले होली..?
जिसका खो गया हमझोली...
क्यों न चल पाया..,
साथ कदम सात..
जाते जाते ये तो..,
बताता जा उसे एक बात
वो कैसे खेले होली..?
जिसका खो गया हमझोली...
क्यों वो रह गयी अकेली?
उसका कहाँ गया हमझोली?
वो कैसे खेले होली..?
जिसका खो गया हमझोली...
कल तलक जो
रंगों से थी रंगी
आज क्यों
आंसुओ में हैं भीगी ?
वो कैसे खेले होली..?
जिसका खो गया हमझोली...
खुशियों से सराबोर थी
जिसको टोली
आज क्यों सुनी सुनी सी हैं
उसकी झोली?
वो कैसे खेले होली..?
जिसका खो गया हमझोली...!!
प्रस्तुतकर्ता Dimple Maheshwari पर 1:04 AM 8 टिप्पणियाँ